Sunday, January 14, 2018

"मैं" खोये बिन ना मिले

काशि गये मथुरा गये, नहाये गंगे नीर
ना झाँका ईस देहमॉ, ज़ाह मै बसिहे पीर ।।

"साधक" करिले साधना, थोड़ी धरिले धीर
"मैं " खोये हरिहर मिले, कह गये संत फ़क़ीर ।।

                            

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