Monday, April 16, 2018

एक फरियाद

🙏 एक फरियाद 🙏

माना तू  भगवान है।
पर अपनी ही दुनिया से अनजान है 

कुछ असर कलियुग का तुजपार भी हुआ होगा ।
वरना "यदा यदा हि धर्मस्य ...... "  कहने वाला,
क्या यूँही अपना वचन भूला होगा ।।

अपने वचनकी गर लाज रखलेता। 
तेरे सामने यह अत्याचार न होता ।। 

इस पाप को गर चुपचाप न देखता। 
अपने होनेका कुछ प्रमाण तो देता ।।

माना अब इंसानियत नहीं रही। 
पर तेरी खुदाई कहाँ खोगई ।।

अब भी न आया तू  , तो यह जहाँ "अनाथ" कहलायेगा। 
अबतक था "रणछोड़" अब तू "जगछोड़" कहलायेगा ।।